Ceasefire Violation: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 10 मई, 2025 को एक नया युद्धविराम समझौता हुआ था। उम्मीद की जा रही थी कि यह कदम सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल करेगा और आम नागरिकों को राहत मिलेगी। लेकिन इस सकारात्मक पहल को पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में खारिज कर दिया। रात होते-होते पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों की खबरें सामने आईं, जिससे एक बार फिर सीमा पर तनाव का माहौल बन गया।
कैसे हुआ युद्धविराम का उल्लंघन
भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों (डीजीएमओ) के बीच दोपहर में बातचीत के बाद तय हुआ कि शाम 5 बजे से सभी सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी। लेकिन इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, जम्मू-कश्मीर के नागरोटा और श्रीनगर क्षेत्रों में संदिग्ध ड्रोन उड़ते देखे गए और फायरिंग की घटनाएं हुईं और पाकिस्तान ने सीजफायर उल्लंघन (Ceasefire Violation) किया है। इसके अलावा, गुजरात के कच्छ ज़िले में भी रात के समय अज्ञात ड्रोन देखे गए, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने तत्काल ब्लैकआउट लागू कर दिया।
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भारतीय सेना दिया सख्त प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस हरकत को गंभीरता से लिया और तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सीमा पर किसी भी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय का पाकिस्तान को कड़ा संदेश
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर पड़ोसी देश इसका गलत फायदा उठाते हैं, तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह युद्धविराम समझौते का पालन करे और सीमा पर तनाव न बढ़ाए।
सीमावर्ती नागरिकों की हालत
सीमा के पास रहने वाले ग्रामीणों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन बन गई है। गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों की वजह से लोगों को घरों से बाहर निकलने की इजाज़त नहीं है। स्कूल और बाजार बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा बनाए गए बंकरों में लोग शरण ले रहे हैं। कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी रोक दी गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
राजनीतिक हलचल और विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस युद्धविराम उल्लंघन पर विपक्षी दलों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी जैसे दलों ने केंद्र सरकार से कहा है कि पाकिस्तान को बार-बार मौका देना देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। कुछ नेताओं ने मांग की है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की इस हरकत को उजागर करना चाहिए।
निष्कर्ष
2025 का यह युद्धविराम समझौता शांति की एक नई शुरुआत हो सकता था, लेकिन पाकिस्तान ने एक बार फिर भरोसे को तोड़ दिया है। भारत को अब अपनी कूटनीतिक ताकत और सैन्य रणनीति दोनों का इस्तेमाल करना होगा ताकि दुश्मन को स्पष्ट संदेश मिल सके कि सीमा पर अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि स्थायी शांति तभी संभव है जब सभी पक्ष ईमानदारी से समझौते का पालन करें।